Memories of Teachers Day
Teachers day 2024 शिक्षक दिन
शिक्षक दिवस की पुरानी यादें
कौन हैं इस वर्ष के पुरस्कार विजेता शिक्षक ?
पूरे वर्ष में कई दिन मनाए जाते है। लेकिन स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस को छोड़कर केवल 5 सितंबर को शिक्षक दिन ही मुझे पक्का याद रहता है। उसका कारण है शिक्षक दिवस से जुड़ी हमारी स्कूली जिंदगी की यादें और साथ ही हमारे संस्कारी उम्र में हमें पढ़ाने वाले हमारे गुरुजनों की यादें।
जिस तरह भारत में शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है, उसी तरह यह पूरी दुनिया में मनाया जाता है, लेकिन 5 सितंबर को नहीं। यूनेस्को 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है।
दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में अलग-अलग दिनों को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।
1994 में यूनेस्को ने शिक्षकों के काम को मनाने के लिए 5 अक्टूबर को ‘विश्व शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाने की मंजूरी दी।
1962 से, हम भारतमें प्रसिद्ध शिक्षाविद् और भारत के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर शिक्षक दिवस मना रहा है।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को ब्रिटिश काल के मद्रास प्रेसीडेंसी के उत्तरी आरकोट जिले के एक गाँव तिरुतनी में एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार (अब तमिलनाडु में तिरुवल्लूर जिला) में हुआ था। अपनी विद्वता के माध्यम से उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई। कुछ पश्चिमी दार्शनिकों द्वारा वेदांत दर्शन को गलत परिप्रेक्ष मे दिखाए जाने पर व्यथित होकर, उन्होंने वेदांत दर्शन और अद्वैत दर्शन का गहन अध्ययन करके, पश्चिमी दार्शनिकों को उत्तर देने के लिए 1914 में “द एथिक्स ऑफ वेदांत ” नामक एक थीसिस प्रकाशित की, जिसमे वेदान्त दर्शन के मूल सिद्धांत को सही तरीके से पेश किया गया। वह सनातन हिंदू दर्शन और अद्वैत वेदांत के कट्टर समर्थक थे।
राधाकृष्णन को 1952 में भारत का उपराष्ट्रपति चुना गया और 1962 में वे भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने। वह 1967 तक भारत के राष्ट्रपति रहे । राधाकृष्णन को 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
जब वे भारत के राष्ट्रपति बने तो जब उनके कुछ छात्र 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने उनसे मिलने गए तो उन्होंने सुझाव दिया कि उनका जन्मदिन मनाने की बजाय 5 सितंबर को देश के शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। तब से, 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हमारे स्कूली दिनों मे शिक्षक दिवस की यादें
शिक्षक दिवस पर, हम उस समय के अपने शिक्षकों को याद किए बिना नहीं रह सकते। शिक्षक दिन मुझे अपने शिक्षकों के जुनून की याद दिलाता है। उस समय शिक्षकों और बच्चों के बीच बहुत गहरे संबंध हुवा करते थे। छात्रों को शिक्षकों के प्रति बहुत सम्मान था, और शिक्षकों का भी छात्रों के प्रति अपार स्नेह हुवा करता था। शिक्षक दिवस को विशेष रूप से याद किए जाने का एक कारण यह भी है की उस दिन छात्र शिक्षक की भूमिका निभाते थे। शिक्षक दिवस पर स्कूल के होनहार छात्र अलग-अलग विषयों के ‘शिक्षक’ बना करते थे । और शिक्षकों की तरह क्लास मे पढ़ाते थे। उनके सहपाठी बड़े उत्साह के साथ उनकी कक्षा में उपस्थित होते थे । कुछ नटखट छात्र अपने इन ‘शिक्षकों के, कुछ कठिन सवाल पूछ कर मजे भी लिया किया करते थे । शिक्षक भी अपने विद्यार्थियों को क्लास मे पढ़ाते हुवे देखने के लिए कक्षा में आते थे । हेडमास्टर भी कोई छात्र ही बना करता था। एक कार्यक्रम मे शिक्षकों के सम्मान मे भाषण भी होते थे और उनके कार्य की सराहना करके उनको धन्यवाद दिया जाता था।
शायद यह प्रथा अभी भी शुरू है। पाठकों से अपील है की, वह इस बारे मे अपने अपने अनुभव, नीचे कमेंट्स में लिखे।
भारत मे. सन 1958 से शिक्षकों को उनके कार्य के लिए पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की प्रथा चल रही है। 1962 मे जबसे 5 सितंबर को शिक्षक दिन मनाया जाने लगा, तबसे यह पुरस्कार हर साल 5 सितंबर को दिया जाने लगा.
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 प्राप्त करने वाले शिक्षकों की सूची
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा निम्नलिखित 50 शिक्षकों को 5 सितंबर को उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में सम्मानित किया जाएगा। और उन्हें नकद रु 50000/ एक प्रमाण पत्र और एक रजत पदक प्रदान किया जाएगा।
- अविनाशा शर्मा – हरियाणा
- सुनील कुमार – हिमाचल प्रदेश
- पंकज कुमार गोया – पंजाब
- राजिंदर सिंह – पंजाब
- बलजिंदर बराड़ सिंह – राजस्थान
- हुकम चौधरी चंद – राजस्थान
- कुसुम लता गरिया – उत्तराखंड
- चंद्रलेखा दामोदर मेस्त्री – गोवा
- चंद्रेशकुमार भोलाशंकर बोरीसागर – गुजरात
- विनय शशिकांत पटेल – गुजरात
- माधव पटेल प्रसाद – मध्य प्रदेश
- सुनीता गोधा – मध्य प्रदेश
- के, शारदा – छत्तीसगढ़
- नरसिम्हा मूर्ति एचके – कर्नाटक
- द्विति चंद्र साहू – ओडिशा
- संतोष कुमार कर – ओडिश
- आशीष कुमार रॉय – पश्चिम बंगाल
- प्रशांत कुमार मारिक – पश्चिम बंगाल
- उर्फनामीन जम्मू – कश्मीर
- रविकांत द्विवेदी – उत्तर प्रदेश
- श्याम मौर्य प्रकाश यू – उत्तर प्रदेश
- डॉ. मिनाक्षी कुमारी – बिहार
- सुकेंद्र कुमार सुमन – बिहार
- के. सुमा – अंडमान एंड निकोबर द्वीप
- सुनीता गुप्ता – मध्य प्रदेश
- चारू शर्मा – दिल्ली
- अशोक सेनगुप्ता – कर्नाटक
- एच एन गिरीश – कर्नाटक
- नारायणस्वामी.आर – कर्नाटक
- ज्योति पंका – अरुणाचल प्रदेश
- लेफिजो अपोन – नागालैंड
- नंदिता च ओंगथम – मणिपुर
- यांकिला लामा – सिक्किम
- जोसेफ वनलालह्रुआ सेल – मिजोरम
- एवरलास्टी एनजी पाइनग्रोप – मेघालय
- डॉ.नानी जी देबनाथ – त्रिपुरा
- दीपेन खानिकर – असम
- डॉ. आशा रानी – झारखंड
- जिनु जॉर्ज – केरल
- के सिवाप रसद – केरल
- मिडी श्रीनिवास राव – आंध्र प्रदेश
- सुरेश कुनाट – आंध्र प्रदेश
- प्रभाकर रेड्डी पेसरा – तेलंगाना
- थदुरी संपत कुमार – तेलंगाना
- पल्लवी शर्मा – दिल्ली
- चारु मैनी – हरियाणा
- गोपीनाथ आर – तमिलनाडु
- मुरलीधरन रमिया सेथुरमन – तमिलनाडु
- मंटय्या चिन्नी बेडके – महाराष्ट्र Z.P.UPEER PRIMZRY DIGITAL SCHOOL JAJAVANDI
- सागर चित्तरंज एन बागडे – महाराष्ट्र SOU S. M. LOHIA HIGHSCHOOL AND JUNIOR COLLEGE KOLHAPUR
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